चेतना को निमंत्रण कर, उसे भगवत शक्ति सम्पन्न बनाना, उसका बहुआयामी विकास एवं आध्यात्मिक उत्थान हो इसलिए माता-पिता बनने की इच्छा रखने वाले और गर्भधारणा कर चुके दंपत्ति अर्हम् गर्भसाधना के प्रशिक्षण में जुड़े और दिव्यता की अनुभूति करें।
Read Moreअपने जीवनसाथी को अपना जीवन सारथी बनाने की कला सीखने के लिए, युगल जीवन को शिखर पर ले जाने के लिए ब्लिस्फुल कपल का प्रशिक्षण जरूर लेवें।
Read Moreमातृ देवो भवः पितृ देवो भवः बनने का प्रत्यक्षिक प्रशिक्षण लेने के लिए एवं अपने अंदर छुपे हुवे अर्हम् माता और पिता को उद्घाटित करने के लिए है - अर्हम् पेरेंटिंग।
Read Moreहर क्रिया में धर्म है - खाने में, पीने मे, बोलने, चलने, उठने, बैठने में। 'युक्त आहार विहारस्य' यही बात गीता में श्रीकृष्ण ने कही - जो आहार और विहार युक्त हो जाता है और यही बात आयुर्वेद में कहते हैं, यही बात सहज ध्यान में कहते हैं। पर उसकी की प्रक्रिया सहज सिखाने का कार्यक्रम डिस्कवर यूवर सेल्फ (Discover Yourself) है।
Read Moreमनुष्य के मन में जो अध्यव्यसाय है, मनुष्य के मन में जो भ्रम है, धारणा है, उससे मुक्त होने के लिए, इस मृत्युंजय संलेखना की साधना में अर्हम् बनाने की प्रक्रिया से साधकों को अनुभव कराया जाता है जिसके माध्यम से साधक- न केवल अंतिम समय में बल्कि जीवन का हर समय इस एहसास के साथ जी सकते हैं कि "मैं आत्मा हूँ - शरीर नहीं हूँ"। यह है संलेखना की साधना।
Read Moreगुरूदेव श्री ऋषि प्रवीण, सामायिक के प्रत्येक सूत्र और विधि के रहस्यों को बहुत ही कुशलता से उद्घाटित करते हैं। वे हमें अतिचार व दोष, आलोचना व प्रतिक्रमण आदि समानार्थी लगनेवाले शब्दों के भिन्न अर्थ, यथार्थ अर्थ का बोध कराते हैं। इस कार्यक्रम से जुड़ के जीवन को सही मायने में संतुलन प्राप्त करने की कला सीखे।
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